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इन प्रश्नों में दो या अधिक वस्तुओं के परस्पर सम्बन्ध पर विचार किया जाता है। परस्पर सम्बन्ध पर आधारित ये प्रश्न निम्नलिखित प्रकार से पूछे गए हैं- शब्द-सम्बन्ध आधारित प्रथम प्रकार :- प्रथम प्रकार के प्रश्न में दो शब्द दिए जाते हैं,  जिनमें कोई सम्बन्ध नही होता है। प्रश्न में एक तीसरा शब्द भी दिया रहता है, जिसके लिए ऐसा चौथा शब्द ज्ञात करना होता है, जो तीसरे शब्द के साथ वही सम्बन्ध रखता हो जो प्रथम दो शब्दों में जैसे प्रकाश का अंधकार के साथ वही सम्बन्ध है जो विद्वान  के साथ? (a) चालाक (b) होनहार (c) मूर्ख (d) वाचाल उत्तर-(c) उपर्युक्त उदाहरण में प्रकाश का अंधकार के साथ  विपरीत सम्बन्ध है, अतः विद्वान के विपरीत अर्थ वाला शब्द ही उपयुक्त विकल्प होगा। स्पष्ट है कि विद्वान का विपरीतार्थक सही उत्तर होगा।

अब हर ट्रेन में मिलेगा खाना ब्रेकफास्ट (Breakfast), लंच-डिनर (Lunch - Dinner)

अब हर ट्रेन में मिलेगा ब्रेकफास्ट, लंच-डिनर


-जिन ट्रेनों में पेंट्रीकार (रसोई बनाने के लिए ट्रेन में डिब्बा) नहीं है, उनमें साइड वेंडरिंग सर्विस शुरू करेगा रेलवे, छोटे कैटरिंग संचालकों को देगा ठेका

- ब्रेकफास्ट से लेकर लंच डिनर भी पैसेंजर्स को उनकी बर्थ पर मिलेगा, तीन से चार कोचों के बीच मिनी कैंटीन  (छोटी जलपान गृह) होगी

बिना पेंट्रीकार वाली ट्रेनों में भी अब पैसेंजर्स को खाने-पीने की कोई समस्या नहीं होगी. उन्हें ताजा ब्रेकफास्ट (नाश्ता) के साथ लंच (दोपहर का खाना) और डिनर (रात का खाना) भी मिलेगा. 

पैसेंजर्स की प्रॉब्लम (समस्या) को देखते हुए रेलवे बिना पेंट्रीकार वाली ट्रेनों में साइड वेंडरिंग सर्विस शुरू करने जा रहा है. जिसके तहत रेलवे छोटे कैटरिंग संचालकों को ट्रेन में वेंडरिंग का ठेका देगा. जिसमें तीन से चार कोचों के बीच अधिकृत वेंडर्स की मिनी कैंटीन होगी.

वेंडर्स पूरी ट्रेन में खानपान सामग्री बेच सकेंगे. पैसेंजर्स को अपनी बर्थ पर ही फास्ट फूड के साथ देशी खाना भी मिलेगा. अभी तक इन ट्रेनों के पैसेंजर्स को खाने-पीने के सामान के लिए ट्रेन के किसी स्टेशन पर पहुंचने का इंतजार करना होता था.

लाखों पैसेंजर्स को राहत

रेलवे ऑफिसर्स के मुताबिक दिन में चलने वाली अधिकतर ट्रेनों में पेंट्रीकार की सुविधा नहीं होती है. रेलवे की साइड वेंडरिंग योजना से जहां एक तरफ छोटे कैटरिंग संचालकों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर लाखों पैसेंजर्स को भी राहत मिलेगी. कानपुर से चलने वाली चौरी-चौरा एक्सप्रेस, कालिंदी एक्सप्रेस, कानपुर-मुंबई वीकली, कानपुर-दिल्ली वीकली ट्रेन में पेंट्री कार नहीं होती है. 

जिससे इन ट्रेनों के पैसेंजर्स को सफर के दौरान काफी समस्या होती है. इसलिए इन ट्रेनों में सफर करने से भी पैसेंजर्स बचते हैं. साइड वेंडरिंग सेवा शुरू होने से पैसेंजर्स की समस्या दूर हो जाएगी. उन्हें हर वक्त गाड़ी में खाने पीने का सामान मिल सकेगा.

दिसंबर से शुरू होगी सेवा

एनसीआर पीआरओ अमित मालवीय ने बताया कि साइड वेंडरिंग सर्विस शुरू करने की तैयारी काफी पहले से चल रही थी. अगर कोरोना महामारी नहीं आती है तो मार्च-अप्रैल से यह सेवा शुरू कर दी जाती. अब इस सेवा का लाभ पैसेंजर्स को दिसंबर या जनवरी से मिलने लगेगा. साइड वेंडरिंग शुरू करने के लिए उन ट्रेनों की लिस्ट बनाई जा रही है. 

जिनमें पेंट्रीकार नहीं है और उस ट्रेन का पैसेंजर्स लोड काफी अच्छा है. ऐसी ट्रेनों में साइड वेंडरिंग शुरू करने के लिए जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे.

आंकड़े

60 से अधिक बिना पेंट्रीकार वाली ट्रेनें वाया कानपुर चलती हैं

10 के करीब ट्रेनें कानपुर से चलती हैं जिनमें पेंट्री कार नहीं है

5 लाख से अधिक पैसेंजर्स को साइड वेंडरिंग से मिलेगी राहत

1 जनवरी से पैसेंजर्स को नई सुविधा का लाभ देने की तैयारी


पैसेंजर्स की सुविधा के ऐसी ट्रेनों मे साइड वेंडरिंग शुरू करने का प्रोजक्ट तैयार किया जा रहा है जिनमें पेंट्रीकार न होने से पैसेंजर्स को खानपान सामग्री खरीदने में समस्या होती है. इस प्रोजक्ट से रेलवे के लाखों पैसेंजर्स को काफी राहत मिलेगी.अमित मालवीय, पीआरओ, एनसीआर


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